उत्तराखंड

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने किया ‘फर्स्ट फॉरएवर’ पुस्तक का विमोचन, यासस्वी के शैक्षिक योगदान को सराहा

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देहरादूनः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को राजभवन देहरादून में एन. जे. यासस्वी के जीवन पर आधारित पुस्तक “फर्स्ट फॉरएवर” का विमोचन किया। यह पुस्तक लेखक वी. पट्टाभि राम और सुधाकर राव द्वारा लिखी गई है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि “फर्स्ट फॉरएवर” केवल एक जीवनी नहीं, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में एन. जे. यासस्वी के जीवन और कार्यों का सजीव दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि यासस्वी ने विधि, प्रौद्योगिकी, अध्यापक शिक्षा, औषधि विज्ञान, कला और संस्कृति जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की और शिक्षा की ज्योति को हिमालय की वादियों से लेकर पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों तक पहुंचाया।
राज्यपाल ने कहा कि जीवनी केवल एक व्यक्ति के जीवन की कथा नहीं होती, बल्कि वह उस युग की विचारधारा और संघर्ष की भी गाथा होती है। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान के संस्थापकों के जीवन, उनके संघर्ष और योगदान को लिखित रूप में संरक्षित कर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का खजाना संजो सकते हैं। यह हमें सिखाता है कि संस्थान केवल ईंट और पत्थरों से नहीं, बल्कि दृष्टि, मूल्य और समर्पण से निर्मित होते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के संकल्प को साकार करने में शिक्षा की सबसे बड़ी भूमिका है। शिक्षा ही हमें आत्मनिर्भर बनाएगी, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगी और हमारे मूल्यों व संस्कृति को सुरक्षित रखेगी। विश्वविद्यालयों की भूमिका पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय केवल शिक्षा प्रदान करने तक सीमित न रहें, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत बनें।

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