मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन देर रात पहुंचे कंट्रोल रूम, अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा

देहरादून: विगत गुरुवार रात्रि प्रदेश के अलग-अलग जनपदों में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा करने तथा हालात का जायजा लेने के लिए मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन देहरादून स्थित कंट्रोल रूम पहुंचे। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने दिए अहम निर्देश
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हालात की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि के कारण जिन क्षेत्रों में भूस्खलन हुआ है, वहां बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए। इसके लिए जेसीबी और अन्य आवश्यक उपकरण 15 मिनट के भीतर घटनास्थल पर पहुंचने चाहिए।
आपदा प्रभावितों की मदद पर जोर
समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने आपदा प्रभावितों के लिए भोजन, रहने और चिकित्सा की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आपदा में लापता हुए लोगों की तलाश के लिए सर्च अभियान लगातार जारी रखा जाए और इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने पशुधन हानि के लिए तत्काल मुआवजा वितरित करने और लोगों के नष्ट हुए दस्तावेजों को फिर से जारी करने के लिए मल्टीपर्पज कैंप लगाने के निर्देश दिए।
किसानों को राहत
मुख्य सचिव ने आपदा के कारण प्रभावित हुए किसानों के लिए भी विशेष निर्देश दिए। उन्होंने कृषि विभाग को निर्देश दिया कि उत्तराखंड हॉर्टिकल्चर बोर्ड और मंडी परिषद द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में फल और सब्जी उत्पादों की खरीद सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को नुकसान न हो।
आपदा से निपटने की तैयारी
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए “सचेत” ऐप डाउनलोड करने और तहसील स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्देश दिया, ताकि मौसम की जानकारी तुरंत लोगों तक पहुंचाई जा सके। उन्होंने आपदा से निपटने के तौर-तरीकों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ दल को हिमाचल भेजने का भी निर्देश दिया।
इस दौरान, उन्होंने धराली में हुई आपदा के बाद राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा भी की और कहा कि भूस्खलन के कारणों का भू-वैज्ञानिक जांच कराया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा प्रभावितों की आजीविका को फिर से पटरी पर लाने के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना और होम स्टे जैसी योजनाओं के तहत कार्ययोजना तैयार की जाए।



