दून समेत कई जिलों में हुई भारी बारिश, सामान्य से अधिक बरसे बादल

देहरादून: उत्तराखंड में इस बार मौसम का मिजाज कुछ बदला-बदल है। मानसून सीजन में वैसे तो मेघ खूब बरस रहे है, लेकिन कुछ जिलों में बारिश सामान्य से कम है। प्रदेश के छह जिलों में आषाढ़ में झमाझम बारिश का सिलसिला रहा। जबकि, शेष सात जिलों में रिमझिम वर्षा के दौर रहे। उत्तराखंड में सावन की शुरुआत भी रिमझिम बारिश के साथ हो रहा है।
मौसम विभाग के अनुसार, सावन में प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से अधिक होने का अनुमान है। खासकर देहरादून, टिहरी, बागेश्वर, चमोली में जोरदार वर्षा के दौर हो सकते हैं।
-मानसून सीजन में अब तक प्रदेश में औसत वर्षा सामान्य से 21 प्रतिशत अधिक
- इस बार ग्रीष्मकाल में इंद्रदेव मेहरबान रहे और प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में नियमित वर्षा होती रही। इसके बाद बीते 20 जून को दक्षिण-पश्चिम मानसून की दस्तक के बाद बारिश ने जोर पकड़ लिया और कई जगह भारी बारिश हुई।
- बागेश्वर जनपद में सामान्य वर्षा 247 मिमी मानी जाती है, जबकि इस मानसून सीजन में अब तक 910 मिमी वर्षा दर्ज की गई है, जो सामान्य से 269 प्रतिशत अधिक है।
- चमोली जनपद में 485 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो सामान्य (192 मिमी) से 152 प्रतिशत अधिक है। टिहरी गढ़वाल में भी वर्षा ने रिकॉर्ड तोड़ा है और सामान्य 232 मिमी के मुकाबले वहां 373 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 61 प्रतिशत अधिक है।
-मानसून सीजन में अब तक उत्तराखंड में वर्षा की स्थिति
जनपद, वास्तविक वर्षा, सामान्य वर्षा, अंतर
- बागेश्वर, 910, 247, 269
- चमोली, 485, 192, 152
- टिहरी गढ़वाल, 373, 232, 61
- देहरादून, 478, 373, 28
- उत्तरकाशी, 377, 309, 22
- रुद्रप्रयाग, 484, 405, 19
- ऊधमसिंह नगर, 340, 326, 04
- अल्मोड़ा, 244, 247, -1
- पिथौरागढ़, 401, 452, -11
- पौड़ी गढ़वाल, 246, 296, -17
- हरिद्वार, 206, 253, -18
- नैनीताल, 373, 501, -25
- चंपावत, 272, 405, -33
- प्रदेश में औसत वर्षा, 394, 324, 21
- (वर्षा मिलीमीटर में और अंतर प्रतिशत में है।)
-बागेश्वर, चमोली, टिहरी और देहरादून में खूब बरसे मेघ
देहरादून में भी सामान्य 373 मिमी की तुलना में यहां 478 मिमी वर्षा हुई, जो कि 28 मिमी अधिक है। उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। चंपावत में सबसे कम बारिश दर्ज की गई है। इसके अलावा जुलाई में अब तक प्रदेश में सामान्य वर्षा 148 के सापेक्ष 153 मिमी दर्ज की गई है, जो कि सामान्य से चार प्रतिशत अधिक है। हालांकि, जुलाई में अभी प्रदेश में झमाझम वर्षा का सिलसिला तेज हो सकता है।