
कोटा श्रीनिवास राव: दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर ने फिल्म उद्योग और प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया है। अपने लंबे और शानदार करियर में, उन्होंने अपनी अनूठी अभिनय शैली और बहुमुखी प्रतिभा से लाखों दिलों पर राज किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए इसे सिनेमा जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति करार दिया।
–मुख्यमंत्री का भावुक संदेश
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अपने एक्स हैंडल पर कोटा श्रीनिवास राव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “प्रख्यात अभिनेता कोटा श्रीनिवास राव का निधन हृदयविदारक है। चार दशकों से अधिक समय तक उन्होंने अपने विविध किरदारों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। खलनायक, हास्य अभिनेता और चरित्र भूमिकाओं में उनकी बेजोड़ कला ने तेलुगु सिनेमा को समृद्ध किया। रंगमंच और सिनेमा में उनकी उपलब्धियां हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी। 1999 से 2004 तक विजयवाड़ा पूर्व के विधायक के रूप में भी उन्होंने समाज की सेवा की। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
–स्वास्थ्य को लेकर बढ़ी थी चिंता
हाल ही में सोशल मीडिया पर कोटा श्रीनिवास राव की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वह कमजोर और अस्वस्थ दिखाई दे रहे थे। तस्वीर में उनके पैर पर पट्टी और चोट के निशान साफ दिख रहे थे, जिसने उनके प्रशंसकों को उनकी सेहत को लेकर चिंतित कर दिया था। इस तस्वीर ने उनके स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल खड़े किए थे, और अब उनके निधन की खबर ने सभी को स्तब्ध कर दिया।
सिनेमाई योगदान: एक अनमोल विरासत
10 जुलाई 1942 को आंध्र प्रदेश के कांकीपाडु में जन्मे कोटा श्रीनिवास राव ने 1978 में तेलुगु फिल्म ‘प्रणाम खरीदु’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने तेलुगु, तमिल, हिंदी, कन्नड़ और मलयालम सिनेमा में 750 से अधिक फिल्मों में काम किया। खलनायक, हास्य और सहायक किरदारों में उनकी गहरी छाप ने उन्हें दर्शकों का चहेता बनाया। 2003 में तमिल फिल्म ‘सामी’ से उन्होंने तमिल सिनेमा में भी अपनी पहचान बनाई। उनकी कुछ यादगार फिल्मों में ‘दम्मू’, ‘सन ऑफ सत्यमूर्ती’ और ‘डेंजरस खिलाड़ी’ शामिल हैं। 2015 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया, जो उनकी कला के प्रति समर्पण का प्रमाण है।
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–राजनीति में भी सक्रिय भूमिका
कोटा श्रीनिवास राव ने सिनेमा के साथ-साथ राजनीति में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1999 से 2004 तक वह विजयवाड़ा पूर्व से विधायक रहे और जनसेवा में सक्रिय रहे। उनकी सादगी और समर्पण ने उन्हें जनप्रतिनिधि के रूप में भी सम्मान दिलाया।
–अमर रहेगी उनकी कला
कोटा श्रीनिवास राव का निधन दक्षिण भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ा नुकसान है। उनके द्वारा निभाए गए किरदार और उनकी कलात्मक विरासत हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में जिंदा रहेगी। उनकी कमी को भरना असंभव है, लेकिन उनकी कला और योगदान हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।