बारिश और भूस्खलन से सेब के बागानों को भारी नुकसान

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन ने कई गांवों में जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है, खासकर उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल जैसे इलाकों में। इन क्षेत्रों में हालात काफी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं।
मुख्य चुनौतियाँ:
सड़क संपर्क का टूटना: भूस्खलन की वजह से गंगोत्री हाईवे और कई अन्य संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। इस वजह से धराली और हर्षिल जैसे गांव बाहरी दुनिया से पूरी तरह कट गए हैं।
आपूर्ति श्रृंखला बाधित: सड़क मार्ग बाधित होने के कारण गांवों में राशन, गैस सिलेंडर, दवाइयों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति पूरी तरह से ठप हो गई है। लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
राशन का संकट: खबरों के मुताबिक, कई गांवों में राशन का स्टॉक खत्म हो रहा है, जिससे लोगों के सामने खाने-पीने का संकट पैदा हो गया है। कुछ लोग पीठ पर राशन की बोरियां और सिलेंडर लादकर कठिन और खतरनाक रास्तों से गांवों तक पहुंचा रहे हैं।
बिजली और संचार व्यवस्था ठप: कई गांवों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हैं। इससे न केवल लोगों का संपर्क टूट गया है, बल्कि बचाव कार्यों में भी बाधा आ रही है।
फसल और संपत्ति का नुकसान: भारी बारिश और बाढ़ से सेब के बागानों को भी काफी नुकसान हुआ है, जो इन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा हैं। कई लोगों के घर और संपत्ति भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।
सरकार और प्रशासन के प्रयास:
राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा प्रभावित परिवारों को छह महीने का मुफ्त राशन देने और आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है।
राहत और बचाव दल, जिसमें SDRF और NDRF की टीमें शामिल हैं, फंसे हुए लोगों को निकालने और उन तक मदद पहुंचाने के लिए काम कर रहे हैं।
हालाँकि, खराब मौसम और भूस्खलन के कारण राहत कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं। प्रशासन बंद हुई सड़कों को जल्द से जल्द खोलने का प्रयास कर रहा है।



