उत्तराखंड

राज्यपाल और सीएम धामी ने ‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों’ कार्यक्रम में लिया भाग

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देहरादूनः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजभवन में आयोजित ‘‘भविष्य के लिए तैयार स्कूलों के निर्माण’’ (बिल्डिंग फ्यूचर रेडी स्कूल्स थ्रू सीएसआर) कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस दौरान उनकी उपस्थिति में उत्तराखण्ड के सरकारी विद्यालयों में आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण के लिये सीएसआर निधि से होने वाले विकास हेतु शिक्षा विभाग और उद्योग जगत के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग द्वारा आईजीएल, रिलैक्सो फुटवियर, कन्विजीनियस, ताज ग्रुप एवं गोंडवाना रिसर्च के साथ एमओयू किए गया।

राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के आधुनिकीकरण एवं बेहतर शैक्षणिक वातावरण देने के लिये उद्योग जगत के साथ मिलकर एक नई पहल शुरू की गई है। जिसके तहत प्रदेश के 550 राजकीय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में यह पहल शुरू की जा रही है। इसके अतंर्गत अधिकतर विद्यालय पर्वतीय क्षेत्र के शामिल किये गये हैं, ताकि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच अवस्थित इन विद्यालयों में सीएसआर फंड से अवस्थापना सुविधाओं के साथ-साथ मॉडल क्लास रूम, कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, पुस्तकालय, फर्नीचर, शौचालय, खेल सामग्री, खेल मैदान व चारदीवारी आदि सुविधाओं से सुसज्जित किया जा सके। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने और नए युग की शुरूआत हेतु यह एक निर्णायक कदम है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आरंभ की गई यह अभिनव योजना दूरगामी प्रभाव डालने वाली है, जो राज्य की युवा और अमृत पीढ़ी को एक समृद्ध, सक्षम और उज्ज्वल भविष्य प्रदान करेगी। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में उद्योग जगत के साथ साझेदारी से शिक्षा व्यवस्था में एक नई ऊर्जा का संचार होगा और इसके ऐतिहासिक परिणाम सामने आएंगे। राज्यपाल ने कहा कि कॉर्पोरेट समूहों एवं समाजसेवियों द्वारा राज्य के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों को गोद लिया जाना एक व्यावहारिक और दूरदर्शी निर्णय है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार, डिजिटल शिक्षा, पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, खेल सामग्री और अन्य आधारभूत सुविधाएं सुदृढ़ होंगी।

राज्यपाल ने इस बात की सराहना की कि इस पहल में पर्वतीय क्षेत्रों के विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है, जिससे दुर्गम इलाकों के बच्चों को भी समान अवसर प्राप्त होंगे। राज्यपाल ने शिक्षा विभाग से पारदर्शिता, जवाबदेही और समयबद्धता सुनिश्चित करने का सुझाव भी दिया। राज्यपाल ने इस पहल से जुड़े उद्यमियों और समाजसेवियों से कहा कि केवल सीएसआर निधि के माध्यम से आर्थिक सहायता देना पर्याप्त नहीं है। जिस विद्यालय को गोद लिया गया है, उससे आत्मीय जुड़ाव, स्नेह, समर्पण और बच्चों से नियमित संवाद भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने आग्रह किया कि जब भी अवसर मिले, गोद लिए गए विद्यालय का भ्रमण करें, वहाँ के बच्चों के साथ समय बिताएं, और अपने परिवारजनों को भी उस विद्यालय से जोड़ें। इस तरह की भागीदारी से बच्चों में प्रेरणा का संचार होगा और शिक्षा एक जीवंत सामाजिक आंदोलन बनेगी।

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