कजरी तीज आज: सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखेंगी निर्जला व्रत

धर्म-संस्कृतिः कजरी तीज का पावन पर्व आज, मंगलवार को मनाया जा रहा है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ने वाले इस व्रत को सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य और पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस दिन कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए व्रत करती हैं। कजरी तीज को ‘बड़ी तीज’ और ‘सत्तू तीज’ के नाम से भी जाना जाता है।
- पूजा का शुभ मुहूर्त:
सुबह का मुहूर्त: आज पूजा का शुभ समय सुबह 06:10 बजे से 07:51 बजे तक रहेगा।
शाम का मुहूर्त: शाम को पूजा का शुभ समय 05:45 बजे से 07:15 बजे तक है।
चाँद निकलने का समय: व्रत का पारण करने से पहले चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। आज चंद्रोदय रात करीब 09:25 बजे होगा। - पूजा विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
घर के मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
व्रत का संकल्प लें और पूजा आरंभ करें।
माता पार्वती को लाल चुनरी, सिंदूर, मेहंदी, चूड़ियां और अन्य सुहाग की सामग्री अर्पित करें।
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और गंगाजल अर्पित करें।
पूजा के दौरान कजरी तीज की कथा का पाठ करें।
आरती करें और पूजा समाप्त होने के बाद भोग लगाएं।
रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करें।
व्रत का पाठ और महत्व:
कजरी तीज की कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार की पत्नी ने तीज माता का व्रत रखा था। उसके पति ने उसे व्रत के लिए सत्तू लाने को कहा। जब वह सत्तू लेने गया, तो राजा के महल में घुस गया। वहां उसने सत्तू चोरी कर लिया। राजा के पूछने पर उसने पूरी बात बताई। तब रानी ने उसे अपने गहने और धन दिया और कहा, “टीज माता के व्रत की महिमा से तुम्हें यह सब मिला है।” इस कथा से यह सीख मिलती है कि सच्चे मन से किया गया व्रत फलदायी होता है और तीज माता भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
इस साल का विशेष योग:
इस वर्ष कजरी तीज पर सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो व्रत और पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। यह योग सभी कार्यों में सफलता दिलाता है और पूजा के शुभ प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है।



