राष्ट्रीय
राहत कार्य में रुकावट: खराब मौसम और भूस्खलन के कारण बचाव कार्यों में बाधा

चिशोती: किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई भारी तबाही के बाद, पांचवें दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से यह अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
प्रमुख बिंदु:
- चुनौतीपूर्ण अभियान:– शीर्षक से साफ है कि बारिश ने बचाव दलों, खासकर सेना के लिए, मुश्किल बढ़ा दी है। खराब मौसम के कारण और अधिक भूस्खलन और अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है, जिससे बचाव दल के लिए काम करना जोखिम भरा हो जाता ह
- बड़ी तबाही:– “भारी तबाही” शब्द से पता चलता है कि बादल फटने से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। बादल फटने से अचानक और तेज़ी से आई बाढ़ से घर, सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे बह गए हैं।
- सेना का अभियान जारी:– पांचवें दिन भी सेना का बचाव कार्य में लगा होना दिखाता है कि स्थिति कितनी गंभीर है। सेना लापता लोगों की तलाश करने, बचे हुए लोगों को सहायता पहुँचाने और मलबा हटाकर संपर्क बहाल करने के लिए कठिन परिस्थितियों में लगातार काम कर रही है।
यह खबर आपदा की गंभीरता और राहत टीमों के सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाती है।